
नागपुर, मध्य प्रदेश हाईवे पर एक दिल दहला देने वाला मामला हुआ है। पति ने सड़क दुर्घटना में पत्नी की मृत्यु के बाद राहगीरों से मदद की मांग करता रहा, लेकिन कोई भी नहीं आया। युवक ने थक-हारकर अपनी पत्नी के शव को मोटरसाइकिल पर बांधा और करीब 80 किलोमीटर दूर अपने गांव तक अकेले ले गया, जो संवेदनहीनता का एक उदाहरण था। यह घटना न केवल इंसानियत पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि सरकारी तंत्र की लापरवाही भी उजागर करती है।
जब वह अपने गांव में पहुंचा, नागपुर पुलिस ने उसे पकड़ लिया और उसकी पत्नी ज्ञारसी यादव का शव वापस लाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस भी दंपती को टक्कर मारने वाले ट्रक की खोज कर रही है।
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के गृहनगर और चुनाव क्षेत्र में हुई इस दुर्घटना ने सड़क सुरक्षा को लेकर चिंतित कर दिया है।
रविवार को नागपुर में रहने वाला 36 वर्षीय अमित यादव अपनी पत्नी ज्ञारसी यादव के साथ अपनी मोटरसाइकिल से अपने गांव करनपुर, मध्य प्रदेश के लखनादौन, जाने के लिए निकला था, जब दुर्घटना दोपहर 2.30 से तीन बजे के बीच हुई।
उसे नागपुर से थोड़ा दूर देवलापार में एक ट्रक ने टक्कर मार दी। उसकी पत्नी ज्ञारसी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि अमित यादव घायल हो गया।
वह घायल होकर सड़क पर खड़ा रहा और लोगों से मदद की मांग करता रहा, लेकिन न तो हाईवे पुलिस का दस्ता पहुंचा न ही एंबुलेंस की व्यवस्था की गई। उसने फिर अपने मोटरसाइकिल पर पत्नी की लाश को पीछे बांधकर मध्य प्रदेश की ओर चलना शुरू कर दिया।
युवक को कुछ दूर जाते देखकर पुलिस ने खुमारी टोल नाका पर रोकने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं रुका। पुलिस ने बाद में उसका वीडियो बनाया। बाद में, नागपुर शहर, ग्रामीण पुलिस और हाईवे पुलिस ने मिलकर मध्य प्रदेश में उसके गांव का पता लगाया और ज्ञारसी यादव के शव को नागपुर लाकर पुनः पोस्टमार्टम कराया।