
Indian Geograpgy: भूगर्भ वैज्ञानिकों ने भारत में स्थित टेक्टोनिक प्लेट को लेकर एक महत्वपूर्ण चेतावनी दी है। हाल ही में पृथ्वी वैज्ञानिकों ने बताया कि भारतीय प्लेट लगातार खिसक रही है और धरती के मेंटल में धंस रही है। इससे यह प्लेट दो हिस्सों में विभाजित हो सकती है। भूगर्भशास्त्रियों का डर है कि ऐसा होने से भारत में भूकंप बढ़ जाएगा।
प्लेट क्या है? भारतीय प्लेट भूमध्य रेखा पर पश्चिमी हेमिस्फीयर में है। भारत के नीचे मौजूद प्लेट्स तेजी से उत्तरी दिशा की ओर खिसक रहे हैं। यह 100 से 200 किलोमीटर गहरा है।
अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन ने यह नवीनतम अध्ययन प्रकाशित किया है। उसने कहा कि लगभग 60 मिलियन वर्षों से यूरेशियन प्लेट भारतीय प्लेट से टकरा रहा है। हिमालय की उत्पत्ति इसी से हुई
हाल ही में किए गए अध्ययनों से एक आश्चर्यजनक नई घटना सामने आई है। भारतीय प्लेट का एक हिस्सा विघटित होता है, जिसमें प्लेट का घना निचला भाग अलग हो जाता है और सतह के नीचे डूब जाता है।
तिब्बती झरनों में भूकंप की तरंगों और हीलियम समस्थानिकों का अध्ययन करने से प्लेट में एक ऊर्ध्वाधर दरार की पुष्टि हुई। पहले यह नहीं था।
यूट्रेक्ट विश्वविद्यालय के भू-गतिकीविद् डौवे वैन हिंसबर्गेन ने कहा कि हमें नहीं पता था कि महाद्वीप ऐसा कर सकता था। यह खोज इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिखाता है कि प्लेट की सतह पर अलग-अलग मोटाई और गुण हैं। टेक्टोनिक शिफ्ट प्रक्रियाएं कहीं अधिक जटिल और गतिशील हैं।
विघटन, खासकर भूकंप, भयानक परिणाम पैदा कर सकता है। स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के भूभौतिकीविद् साइमन क्लेम्परर ने बताया। ये दरारें पृथ्वी की पपड़ी में तनाव निर्माण को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे भूकंप का जोखिम बढ़ जाता है।
तिब्बती पठार, जो भूकंपों से पहले से ही प्रभावित है, और भी अधिक अस्थिर हो सकता है। भूकंप हो सकता है। (सभी चित्र AI की मदद से बनाए गए हैं)