
ईरान सरकार ने दोनों को फांसी देने के बाद कहा कि देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। ईरान आतंकी संगठनों और विदेशी जासूसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को प्रतिबद्ध है।
बुधवार को ईरान ने दो अलग-अलग मामलों में दो लोगों को फांसी की सजा सुनाई। इनमें से एक पर इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी करने का आरोप था, जबकि दूसरा आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) में सक्रिय शामिल था। यह जानकारी ईरान की सरकारी समाचार वेबसाइट मिजानऑनलाइन ने दी।
पहले मामले में रूजबेह वादी की फांसी हुई है। उस पर आरोप लगाया गया था कि उसने इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद को गोपनीय सूचना दी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूजबेह ने इजरायल को ईरान के एक परमाणु वैज्ञानिक के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी थी। तब इजरायल ने वैज्ञानिक को मार डाला। मिजान ऑनलाइन के अनुसार, रूजबेह ने वियना, ऑस्ट्रिया में कम से कम पांच बार मोसाद के अधिकारियों से मुलाकात की थी। ईरानी अधिकारियों ने आरोप लगाया कि वह जानबूझकर देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक दस्तावेज और जानकारी साझा कर रहा था।
आईआईएस का आतंकी अवैध रूप से ईरान में घुसा
ईरान ने मेहदी अगाजादेह को भी फांसी दी, जिस पर आतंकी संगठन आईएसआईएस का सदस्य होने का आरोप लगा था। रिपोर्ट के अनुसार, अगाजादेह ने इराक और सीरिया में सैन्य प्रशिक्षण लिया था और चार अन्य साथियों के साथ अवैध रूप से ईरान गया था। ईरानी सुरक्षा बलों ने बताया कि अगाजादेह के साथ आए चार अन्य आतंकी ईरान में सैन्य मुठभेड़ में मारे गए। इन लोगों का लक्ष्य था कि ईरान में आतंकवाद फैलाया जाए और हमलों की साजिश की जाए।