
आज दुनिया में 204 देश हैं, लेकिन 2050 तक यह संख्या शायद 203 रह जाएगी। इसकी वजह ये है कि एक द्वीपीय देश जो प्रशांत महासागर में बसा है, डूबने के कगार पर पहुंच गया है।
रोजगार या बेहतर आजीविका की तलाश में लोगों का स्थानांतरण सुना होगा। लेकिन अगर आप जानते हैं कि एक पूरे देश की जनसंख्या अब अपने देश छोड़कर बाहर जा रही है। आप दंग रह जाएंगे अगर किसी दूसरे देश ने भी ऐसा करने की अनुमति दी है। लेकिन यह वास्तविक है। तुवालु, प्रशांत महासागर में बसा एक छोटा सा द्वीप, पहली बार पूरे देश के नियोजित प्रवासन की योजना बना रहा है।
तुवालु की कुल जनसंख्या कितनी है?
रिपोर्ट के अनुसार, तुवालु की कुल आबादी लगभग 11 हजार है। इसमें नौ प्रवाल द्वीप और एटोल शामिल हैं। इस द्वीपीय देश की औसत समुद्र तल से ऊंचाई सिर्फ 2 मीटर है। दो प्रवाल दीप पहले ही समुद्र में डूब गए हैं। अब बाकी बचे प्रवाल द्वीप भी जलमग्न होने की आशंका बढ़ती जा रही है, क्योंकि जलवायु परिवर्तन, लगातार आने वाले तूफान और बाढ़ की वजह से।
विभिन्न अध्ययनों ने संकेत दिया है कि 25 वर्षों के भीतर तुवालु की अधिकांश जमीन जलमग्न हो सकती है। जीवित रहने के लिए लोगों को अभी से बाहर जाना पड़ेगा। जलवायु परिवर्तन ने इस द्वीपीय देश को सबसे अधिक प्रभावित किया है।